कार्यक्रम का शुभारंभ कर्पूरी ठाकुर की तसवीर पर पुष्पांजली अर्पण से किया गया।
स्वागत संबोधन में पत्रकार आर.सी.गौड़ ने कर्पूरी ठाकुर के जीवन एवं उनके योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 24 जनवरी 1924 को जन्में एवं 17 फरवरी 1988 को देहत्याग करने वाले कर्पूरी ठाकुर अंग्रेजी भाषा की अनिवार्यता के विरोधी थे उन्होंने मैट्रिक परीक्षा मे अंग्रेजी की अनिवार्यता को समाप्त किया जिससे विदेशी भाषा पर कम पकड़ के कारण उच्च शिक्षा से वंचित रहने वाले गरीब एवं वंचित तबके को बेहद लाभ हुआ।
कार्यक्रम के दौरान जन संप्रभुता संघ व सतपक्ष पत्रकार मंच के अध्यक्ष एवं बैस्ट रिपोर्टर न्यूज के संपादक पत्रकार अनिल यादव ने कहा कि समस्तीपुर बिहार के छोटे से गांव पित्तौंझिया में जन्में कर्पूरी ठाकुर का दिल उपमुख्यमंत्री, नेता प्रतिपक्ष, दो-दो बार मुख्यमंत्री एवं 1952 से आजीवन किसी ना किसी सदन के नेता बने रहने के बावजूद समाज के वंचित एवं शोषित तबके के लिए धड़कता था यही कारण है कर्पूरी ठाकुर को ना सिर्फ सामाजिक न्याय के पुरोधो के रूप में वरन् सही अर्थों में जननायक के रूप में भी जाना जाता है ।
कर्पूरी ठाकुर की सादगी के किस्सों को साझा करते हुए अनिल यादव ने बताया कि किस तरह कर्पूरी ठाकुर को फटे कुर्ते में देखकर चंद्रशेखर जी व उनके साथियों ने उनके कुर्ते के लिए चंदा एकत्र कर उन्हें जबरदस्ती धनराशि थमाई परन्तु उस धनराशि को भी उन्होंने चुपके से मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर दिया । यादव ने बताया कि किस तरह कर्पूरी ठाकुर को यूगोस्लाविया के राष्ट्रपति टीटो ने बड़े आग्रह के साथ एक कोट उपहार में दिया।
यादव ने कहा कि कर्पूरी ठाकुर परिवारवाद एवं पद के दुरूपयोग के सख्त विरोधी थे, उन्होंने अपने जीते जी अपने परिवार के किसी सदस्य को राजनीति में नहीं आने दिया यही नहीं उन्होने पद का दुरूपयोग कर अपने बहनोई तक को सरकारी पद पर नियुक्ति देने से साफ इंकार कर दिया।
अनिल यादव ने कर्पूरी ठाकर को भारत रत्न देने की भारत सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए बताया कि कर्पूरी ठाकुर ने 9000 लोगों को एक साथ सामूहिक रूप से नियुक्ति पत्र सौंपकर बेरोजगारों के हित की एक ऐसी नई परम्परा का शुभारम्भ किया जिसका पालन आज देश की लगभग हर सरकार कर रही है। यादव ने कहा कि यूं तो कर्पूरी ठाकुर का संबंध जन्म के लिहाज से सैन समाज से रहा परन्तु कर्म के दृष्टिकोण से वे देश के हर वंचित,शोषित एवं गरीब की आवाज थे।
कार्यक्रम संयोजक आर.सी.गौड़ ने जन संप्रभुता संघ द्वारा की गई एक विशेष घोषणा को सार्वजनिक भी किया जिसके अंतर्गत ‘जन संप्रभुता संघ’ द्वारा कर्पूरी ठाकुर के सम्मान में शीघ्र ही वंचित एवं शोषित वर्ग के लिए एक ‘प्रतिभा खोज एवं सम्मान प्रतियोगिता’ का आयोजन प्रस्तावित है ।
कार्यक्रम के दौरान भगवान सहाय सैन, कन्हैयालाल सैन, विनोद सैन, मुनेश कुमार, जगनलाल, कैलाश चन्द्र, हरसहाय सैन, एडवोकेट विष्णु दत्त भारद्वाज, से.नि.नायब तहसीलदार राजमोहन गौतम सहित अनेक स्थानीय नागरिकों ने शिरकत की तथा कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की।