गोपालपुरा बायपास स्पेशल प्रोजेक्ट डेवलेपमेंट प्लान के विरुद्ध राजस्थान हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर

 राजस्थान हाईकोर्ट ने जारी किए नोटिस


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। जयपुर विकास प्राधिकरण ने गोपालपुरा बाईपास के इर्द-गिर्द स्थित आवासीय भूखंडों व भवनों को स्पेशल डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत  कमर्शियल पट्टे देने का निर्णय लिया है इसके विरुद्ध जनहित याचिका दायर की गई है।

जनहित याचिकाकर्ता शालिनी श्रीवास्तव व पैरवी कर रहे उच्च न्यायालय के अधिवक्ता विनोद सिंघल ने बताया कि जेडीए कुछ निर्देशों व नियमों की शिथिलता के साथ गोपालपुरा बायपास पर बिल्डिंग बायलॉज के विरुद्ध बनी हुई बहुमंज़िला ज़ीरो सेटबैक अवैध आवासीय बिल्डिंग्स को भी कमर्शियल पट्टे जारी करने की तैयारी कर रहा है यह आम जनता के हितों के साथ खिलवाड़ है कि जेडीए ख़ुद बिल्डिंग बायलॉज के नियम बनाये फिर ख़ुद ही स्पेशल डवलेपमेंट प्रोजेक्ट की आड़ में अवैध बिल्डिंग मालिकों व व्यापारियों को राहत दे। अवैध रूप से बनी ज़ीरोसेट बैक की आवासीय बिल्डिंग्स व नियमों का उल्लंघन करने वाली इन बिल्डिंग्स का नियमन करना सरकार व जेडीए का ग़लत फ़ैसला है जो जनहित के विरुद्ध है।

गोपालपुरा बायपास जयपुर का एक मुख्य मार्ग है जहाँ 95% बिल्डिंग बिल्डिंग-बायलॉज का उल्लंघन करके बनी हैं। इन बिल्डिंग्स में 100 से ज़्यादा कोचिंग संस्थान संचालित हैं जो वहाँ के रहवासियों के जन जीवन को प्रभावित कर रहे हैं।घँटों जाम रहता है।बिल्डिंग्स में पार्किंग नहीं है। फायर सुरक्षा व सुरक्षा गार्ड नहीं हैं। आवासीय मकानों में पीजी हॉस्टल्स,कैफ़े, होटल खुल गए हैं जो यहाँ के आम नागरिकों के हित को प्रभावित करते हैं। अतः जनहित को मध्यनज़र रखते हुए जनहित याचिका लगाई गई।

जयपुर विकास प्राधिकरण ने मास्टर प्लान 2025 को परे रखकर गोपालपुरा बायपास पर 200 मीटर से अब 160 मीटर रह गयी सड़क के दोनों और 72-72 मीटर तक स्थित आवासीय भूखंडों का लैंड यूज चेंज कर कमर्शियल पट्टे दिए जाने का निर्णय लिया गया है इससे गुर्जर की थड़ी से टोंक रोड तक 700 आवासीय भूखंड और  आवासीय बिल्डिंग्स का कमर्शियल नियमन किया जाना स्पेशल डेवलपमेंट प्लान के माध्यम से निश्चित किया गया जो कि कुछ व्यापारियों को लाभ देकर आम जनता के साथ धोखा है।

राजस्थान हाईकोर्ट ने पिटीशन स्वीकार कर  मुख्य सचिव राजस्थान सरकार,प्रमुख सचिव नगरीय विकास एवं आवास विभाग,प्रमुख सचिव स्थानीय स्वायत्त शासन विभाग,सचिव जयपुर विकास प्राधिकरण,आयुक्त नगर निगम ग्रेटर,जिला कलेक्टर जयपुर,पुलिस कमिश्नर जयपुर से जवाब माँगे हैं।