युवाओं को निराशा से बाहर लाने में मददगार औशिम खेत्रपाल की संवाद शृङ्खला 'लाइफ इज़ होप'


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर (रिपोर्ट : अमृता मौर्य )। आज का युवा एक तरफ अपने करियर को लेकर चिंतित है तो दूसरी तरफ सोशल मीडिया से आ रही तमाम सूचनाओं से भ्रमित और कुंठित हो रहा है। स्पिरिचुअल हीलर औशिम खेत्रपाल ने युवाओं को इस असमंजस से बाहर निकालने के लिए राष्ट्रीय स्तर के 'लाइफ इज़ होप' कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की है जिसकी शुरुआत राजस्थान से हुई। कॉलेजों में निःशुल्क आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम की पहली कड़ी के तहत आज औशिम खेत्रपाल ने निम्स (NIMS) के पत्रकारिता और जनसंचार पाठ्यक्रम के छात्रों से संवाद कर जीवन के मूल्य व उद्देश्य समझाए। साथ ही चित्त को स्थिर रखकर लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करने के व्यावहारिक तरीके बताए। स्पिरिचुअल हीलर औशिम खेत्रपाल ने कहा कि महत्वाकांक्षी होना चाहिए मगर ईमानदारी के साथ। ईमानदार प्रयासों का परिणाम ईश्वर अवश्य देता है, और अपने तरीके से देता है। वह परिणाम ज़रूरी नहीं है कि आपकी इच्छा के अनुरूप हो, संभव है ईश्वर ने उससे भी बड़ी चीज आपके लिए सोची हो। इसलिए उसकी चिंता किये बगैर अपना काम करें। अपनी बात को उन्होंने गीता के उपदेशों से भी समझाया। उन्होंने कहा "कई बार ईश्वर आपको वैकल्पिक अवसर देता है मगर आप उसे पहचान नहीं पाते हैं। मानसिक उन्माद और बैर-भाव को दिल में न रखें क्योंकि प्रभु यीशु हों या मोहम्मद साहब सबने प्रेम और मानवता के लिए अपने जीवन में संघर्ष किया। सबका ईश्वर एक है। उसने आपके लिए जो अच्छा है, वही तय कर रखा है। बस उसको समझना चाहिए और पूर्ण समर्पण से उसमें लग जाना चाहिए।"  

औशिम खेत्रपाल ने छात्रों को ख़ुशी, सफलता, सुख और वैभव के मायने भी समझाए। छात्रों के साथ सवाल-जवाब के सत्र में खेत्रपाल ने उनकी अनेक जिज्ञासाओं का शमन किया। एक सवाल के जवाब में औशिम खेत्रपाल ने कहा कि अच्छा करियर, पैसा और वैभव आपको कुछ पीढ़ियों तक पहचान से सकता है लेकिन अच्छे कर्म सदियों तक पहचान कायम रखते हैं। 

औशिम खेत्रपाल ने हीलिंग और स्पिरिचुअलिटी पर 40 से अधिक किताबें लिखी हैं। वह अपने साईं बाबा फाउंडेशन की ओर से कम्युनिटी डेवलपमेंट और पाराएथलिट्स प्रमोशन के अनेक काम करते हैं। इस कार्य के लिए राष्ट्रपति के आर नारायणन द्वारा उन्हें सम्मानित भी किया जा चुका है।