सरकार को देना पड़ेगा लॉकडाउन अवधि में हुए आर्थिक नुकसान का मुआवजा, 31 मार्च को राजस्थान सचिवालय पर गूंजेगी,जागरूक नागरिकों की गूंज

संविधान व नागरिक अधिकारों से खिलवाड़ अब नहीं होगा स्वीकार    


महामारी के नाम पर चल रही अतार्किक पाबंदियों व मास्क व वैक्सीन की जबरदस्ती के विरोध में 31 मार्च 2022 को प्रात: 11 बजे देश के जागरूक नागरिकों का एक विशाल समूह देश के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ.तरूण कोठारी के नेतृत्व में राजस्थान शासन सचिवालय पहुँचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक बेहद महत्वपूर्ण ज्ञापन सौंपेगा। ज्ञापन में सरकार को चेताया जायेगा कि वो महामारी के नाम पर चल रहे वैश्विक षड़यंत्र को तार्किक दृष्टि से समझे तथा सरकार की ओर से असंवैधानिक रूप से देश के नागरिकों पर थोपी जा रही व थोपी जाने वाली मनमानी पाबंदियों जैसे मास्क अनिवार्यता,टीका जबरदस्ती एवं लॉकडाउन आदि आदि को अविलम्ब बंद करे । डॉ.कोठारी के नेतृत्व वाले इस जागरूक नागरिक समूह का मानना है कि कोरोना एक वैश्विक षड़यंत्र है और सरकारों की लापरवाही के कारण भारत गुलामी के शिकंजे में फंसने जा रहा है। षडयंत्रकारियों ने फ्लू को लाईलाज बीमारी बताकर सबको बर्बाद कर दिया है। कोरोना से बचाव के नाम पर दिया जाने वाला वैक्सीन बेहद हानिकारक है,टीकाकरण के बाद लाखों लोगों में अपंगता,हार्ट—अटेक,ब्रेन हैम्ब्रेट,लकवा,नपुंसकता से लेकर मृत्यु जैसे साईड इफे्क्ट आ चुके हैं। मास्क के नाम पर जुर्माने की वसूली अवैध है क्योंकि डिजास्टर मैनेजमैन्ट एक्ट में जुर्माने का प्रावधान ही नहीं है,बाम्बे हाईकोर्ट ने भी जुर्माना वापसी का आदेश दिया है,अत: मास्क की जबरदस्ती बंद की जाए।  लॉकडाउन जिस डिजास्टर मैनेजमैन्ट एक्ट का हवाला देकर लगाया गया था ,उसी एक्ट में ये भी प्रावधान है कि यदि सरकार लॉकडाउन लगाती है तो लॉकडाउन अवधि में हुए नुकसान की भरपाई की जिम्मेदारी सरकार की होगी अत: सभी नागरिकों को लॉकडाउन अ​वधि में हुए आर्थिक नुकसान का मुआवजा दिया जाए ।