रिपोर्ट : आशा पटेल
भारतीय समाज में नारी मन की दुविधाओं, अंतर्द्धन्दों और अन्तर्विरोधी का जितने प्रभावशाली ढंग से मन्नू भण्डारी ने अभिव्यक्त किया है वह दुर्लभ है। ये विचार ‘‘शब्द संसार‘‘ द्वारा आयोजित मन्नू भण्डारी के निधन पर शोक सभा की अध्यक्षता करते हुए सूचना एवं के पूर्व जनसम्पर्क निदेशक एवं वरिष्ठ लेखक डाॅ. अमर सिंह राठौड़ ने व्यक्त किए हैं। शब्द संसार के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ साहित्यकार श्री कृष्ण शर्मा ने कहा कि ‘‘यही सच है'' कथा पर बनी रजनीगंधा फिल्म के अतिरिक्त रजनी, स्वामी, दर्पण जैसे धारावाहिकों की पटकथा के कारण मन्नू भण्डारी को खूब ख्याति मिली। कथाकार श्री आर.के. शर्मा ने कहा कि एक कमजोर लड़की की कहानी, ऊंचाई, स्त्री सुबोधिनी, अभिनेता एक बार और तथा चश्मे जैसी कहानियों की नायिकाएं जिस कशमकश से गुजरती हैं उससे नारी जीवन का वर्तमान परिदृश्य सामने आ जाता है। साहित्यकार नवल किशोर पांडे ने कहा कि ‘‘आपका बंटी‘‘ के पात्र संवेदना का विस्तार करते हैं। अपनी जिंदगी के लिए सही निर्णय करने का उपक्रम करते है। प्रतिष्ठित वरिष्ठ कवि बणज कुमार ने कहा कि इनका नाटक महाभोज जितनी बार खेला गया है उतना अधिक लोकप्रिय होता गया। सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार फारूक आफरीदी ने संयोजन करते हुए कहा कि मन्नू भण्डारी के जाने से हिन्दी संसार को अपूरणीय क्षति हुई है।