मोगाम्बो खुश : सोनिया ने दी गहलोत को बधाई,मंत्रीमण्डल पुनर्गठन की मुकम्मल तैयारियां प्रारम्भ

लेखक : महेश झालानी

यह तो तय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अब राजनीतिक नियुक्तियों और मंत्रीमण्डल पुनर्गठन का मानस बना लिया है । यह प्रक्रिया कब शुरू होगी, सबकुछ गहलोत पर निर्भर है । कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी ने उन्हें स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने का अधिकार दे दिया है । इसके अलावा सोनिया ने मुख्यमंत्री को भारी मतों से दोनों उप चुनाव जीतने तथा सरकार के कुशल संचालन के लिए बधाई  दी ।

जैसा कि पहले माना जा रहा था कि मंत्रीमण्डल में सचिन पायलट गुट को बहुत ज्यादा अहमियत मिलेगी । लेकिन अब ऐसा नही होने वाला है । पायलट गुट को उचित प्रतिनिधित्व तो मिल सकता है । लेकिन मुकम्मल तवज्जों नही । अधिकतम चार विधायकों को पायलट गुट की ओर से मंत्रीमण्डल में जगह मिल सकती है । इनमें दीपेंद्र सिंह, हेमाराम चौधरी तथा विश्वेन्द्र सिंह को मंत्रिमंडल में जगह मिलने की पूरी संभावना है ।
यह भी संभावना जताई जा रही है कि मंत्रीमण्डल की पूर्ण रूप से ओवरहालिंग होगी । चर्चा है कि रघु शर्मा, गोविंदसिंह डोटासरा और हरीश चौधरी को मंत्रिमंडल से बाहर किया जा सकता है । यदि ये मंत्रीमण्डल में बरकरार रहते है तो तीनों के विभाग बदलने की पूर्ण संभावना है । रघु शर्मा को ऊर्जा और खान विभाग तो बीडी कल्ला को चिकित्सा और शिक्षा विभाग दिया जा सकता है । इसी तरह डोटासरा व हरीश चौधरी के विभाग भी बदले जाएंगे ।
जहां तक पायलट गुट के समर्थित मंत्रियों का सवाल है, उन्हें ऐसे विभाग दिए जाएंगे जिन्हें ड्राई कहा जाता है । जैसे सामाजिक न्यायिक अधिकारिता, अल्प संख्यक, संस्कृत शिक्षा, सूचना और प्रद्योगिकी तथा सांख्यकी विभाग बांटे जाएंगे । मुख्यमंत्री इस तरह एक तीर से दो शिकार करेंगे । पायलट की चिल्लपों भी बंद हो जाएगी और उनके समर्थकों को ड्राई विभाग देकर "ठिकाने" भी लगा दिया जाएगा ।
राजनीतिक नियुक्तियों की बात की जाए तो मुमताज मसीह, डॉ चंद्रभान, रणदीप धनखड़, पुखराज पाराशर, जाहिदा, यास्मीन अबरार, सफिया जुबेर तथा रेहाना को एडजस्ट करने की चर्चा है । महिलाओं में दिव्या मदेरणा, रीटा चौधरी, रमिला खड़िया, कृष्णा पूनिया और शंकुतला रावत आदि में कम से कम तीन को मंत्री या संसदीय सचिव बनाया जा सकता है ।