14 साल के बच्चे की रीड की हड्डी का जटिल ऑपरेशन कर दी नई जिदंगी,इलाज खर्च किया माफ

रिपोर्ट : आशा पटेल



जयपुर। दिल्ली रोड स्थित निम्स हॉस्पिटल में एक 14 साल के बच्चे की रीड की हड्डी का जटिल ऑपरेशन कर उसे नई जिंदगी देने के साथ-साथ उनके परिवार के चेहरे पर न जाने वाली मुस्कान बिखेरी है। वहीं निम्स हॉस्पिटल प्रशासन द्वारा बच्चे के परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए इलाज का समस्त खर्च माफ कर मानवता की एक मिसाल पेश की है।

डॉ. विजय कुमार गुप्ता (प्रोफेसर न्यूरो सर्जरी) ने बताया कि 14 वर्ष का बच्चा 2 महीने पहले निम्स हॉस्पिटल में कुबड़ की समस्या (रीड की हड्डी में चोट के उपरान्त), दोनों पैरों की विकलांगता तथा टट्टी-पेशाब का नियंत्रण खो जाने जाने की समस्या के साथ आया था। 1 वर्ष पूर्व वह ऊंचाई से गिर गया था जिससे उसकी रीड की हड्डी टूट गई थी, तब से ही वह बिस्तर पर था। बच्चे के पिता एक मजदूर है और आर्थिक स्थिति के कमजोर होने की वजह से बच्चे का इलाज उस समय पर नहीं करवा पाए। जब उन्होंने निम्स के सामाजिक सरोकार व उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के बारे में सुना तो वो बच्चे को निम्स लेकर आए और यहां डॉक्टर को दिखाया।  

डॉ. पंकज सिंह, डायरेक्टर, निम्स हॉस्पिटल, जयपुर ने बच्चे के पिता की कमजोर आर्थिक स्थिति को देखते हुए मानवता के नाते बच्चे के इलाज में होने वाले खर्चे (करीब दो लाख रुपए) को माफ कर दिया। 

डॉ. विजय कुमार गुप्ता (प्रोफेसर न्यूरो सर्जरी) एवं उनकी टीम जिनमें डॉ. संजीव अत्री, डॉ. अभिजीत, डॉ. कमर, डॉ. पुनीत और डॉ. सौरभ भार्गव (निश्चेतना विशेषज्ञ) ने बच्चे की रीड की हड्डी का जटिल ऑपरेशन किया जो करीब 5 घंटे चला। ऑपरेशन के 2 महीने बाद बच्चा अब अपने दिनचर्चा के कार्य स्वमं करने लगा है। टट्टी-पेशाब का भी नियंत्रण भी काफी हद तक आ गया एवं उसे कुबड़ से भी हमेशा के लिए निजात मिल गई है। 

डॉ. बलवीर सिंह तोमर, चेयरमैन, निम्स हॉस्पिटल जयपुर ने बताया कि निम्स हॉस्पिटल सामाजिक सरोकार से जुड़े कार्यों में हमेशा से ही आगे रहा है और यह ऑपरेशन भी इसी के तहत किया गया है। उन्होंने 14 साल के बच्चे की रीड की हड्डी की सफल सर्जरी करने वाले अनुभवी डॉक्टरों और उनकी टीम को बधाई दी।

बच्चे के पिता ने निम्स प्रशासन, डॉ बी. एस. तोमर जी, डॉ. पंकज सिंह जी, डॉ. विजय कुमार गुप्ता जी एवं उनकी टीम का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि हमारे लिए बच्चे की मुस्कान आना ही ईश्वर का आशिर्वाद है।