सामाजिक बदलाव : पूर्व न्याधीश ने पुत्रियों के सिर बँधवाई पगड़ी

                                         रिपोर्ट : आशा पटेल


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। बदलते वक्त के साथ अब पीढ़ियों से चली आ रही पुरातन परम्पराओं में बड़े बदलाव की तरफ शिक्षित समाज कदम बढ़ा रहा है । समाज अब बेटियों को भी बेटों के बराबर समझने लगा है ।ऐसा ही सामाजिक बदलाव आज जयपुर के महावीर नगर प्रथम में देखने को मिला । यहां पूर्व जिला न्यायाधीश व वरिष्ठ समाजसेवी श्री उदय चन्द बारूपाल ने अपने पुत्र श्री नरेंद्र बारूपाल के निधन पर समाज के लोगों के साथ पुत्रियां रूपल व गहना के सिर पर पगड़ी बांधकर परिवार की जिम्मेदारी सौंपी । 

राजस्थान के नागौर जिले में मीठड़ी निवासी स्वर्गीय श्री नरेंद्र बारूपाल जयपुर के महावीर नगर प्रथम में निवास करते थे ।वे पूर्व जिला न्यायाधीश श्री उदय चंद्र बारूपाल के पुत्र थे । उनके दो पुत्रियाँ रूपल व गहना है । गत 19 दिसंबर को श्री नरेंद्र बारूपाल जी का हृदय गति रुकने से आकस्मिक निधन हो गया था ।

पिता की मृत्यु के बाद पुत्रियों ने ही अंतिम संस्कार की रस्म निभाई । आज परिवार व रिश्तेदारों की मौजूदगी में पगड़ी रस्म निभाई गई । पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारी संभालने का दायित्व दिये जाने की रस्म के रूप में बांधी जाने वाली पगड़ी नरेंद्र जी की दोनों बेटियां रूपल व गहना  के बांधी गई ।

इस पहल की सभी ने सराहना की है । बेटियों के प्रति समाज का नजरिया बदलने व रूढ़िवादी रीति रिवाज में बदलाव के लिए यह नई परंपरा कायम की है । इससे हर पिता को पुत्री होने पर शर्मिंदगी और वंश गति की चिंता नहीं बल्कि गर्व महसूस होगा ।