बैठक की अध्यक्षता करते हुए भारत—तिब्बत संघ की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सुप्रीम कोर्ट से सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा ने कहां की सामूहिक प्रयासों से ही तिब्बत की आजादी और कैलाश मानसरोवर की मुक्ति का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। आज तिब्बत में हो रहे मानवाधिकार हनन एवं क्रूर अत्याचार की घटनाओं से विश्व मानवता स्तब्ध है। परम पावन दलाई लामा एवं अन्य तिब्बती भाइयों और बहनों को जिस प्रकार से अपने देश से निर्वासन का जीवन जीना पड़ रहा है यह विश्व मानवता के ऊपर एक बहुत बड़ा धब्बा है।
कोर ग्रुप ऑफ तिब्बतन काज़ के राष्ट्रीय सह संयोजक एवं गांधी पीस फाउंडेशन के पूर्व सचिव श्री सुरेंद्र कुमार जी ने संगठन द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए न्यायमूर्ति ज्ञान सुधा मिश्रा जी का आभार प्रकट किया
तिब्बत सरकार के प्रतिनिधि और भारत तिब्बत समन्वय केंद्र के समन्वयक श्री जिगमे सुल्ट्रीम ने बैठक में तिब्बत में हो रहे व्यापक पैमाने पर मानवाधिकार एवं पर्यावरण के विनाश पर प्रकाश डाला। भाजपा नेता पूजा कपिल ने तिब्बत मुक्ति में महिलाओं के योगदान पर चर्चा करी।
राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमती माननीय ज्ञान सुधा मिश्रा जी की उपस्थिति में सर्वसम्मति से संगठन के नाम में आंशिक परिवर्तन किया गया। राष्ट्रीय महामंत्री सौरभ सारस्वत द्वारा बताया गया कि संगठन का नाम बदलने का प्रस्ताव विभिन्न जगह एक जैसे नाम होने से तकनीकी समस्याओ को देखते हुए अब भारत तिब्बत संघ के रूप में नए तेवर और कलेवर के साथ संगठन आगे बढ़ेगा। राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सेना के पूर्व मेजर जनरल नीलेंद्र कुमार ने भी अपने प्रभावशाली संबोधन से संघ के उद्देश्यों का किया वर्णन सभी कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को संघ के उद्देश्य पर कार्य करने का निर्देश दिया। श्रीमती रुचि चतुर्वेदी राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला विभाग एवं गुजरात से श्रीमती मृणालिनी बहन ठाकर ने संगठन की कार्य पद्धति के विषय में जानकारी प्रदान करी। राष्ट्रीय सचिव एवं जाने माने वैज्ञानिक श्री सेतु माधवन जी ने सभी का स्वागत किया वृंदावन के पूज्य संत आदरणीय सुनील कौशल जी महाराज तथा गंगोत्री के रावल हरीश सेमवाल जी ने बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों को आशीर्वाद प्रदान किया। श्रीमती जिज्ञासा ने मंगलाचरण के साथ बैठक का शुभारंभ किया किया। जम्मू कश्मीर के प्रभारी एवं जम्मू के बड़े सामाजिक कार्यकर्ता श्री कुलदीप शर्मा जी ने सभी कार्यकर्ताओं को धन्यवाद ज्ञापित किया। राष्ट्रगान के साथ बैठक का समापन किया गया।
राष्ट्रीय कार्यकारिणी में राजस्थान, गुजरात, सिक्किम, जम्मू कश्मीर, अरुणाचल, कर्नाटक, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, झारखंड, दिल्ली, तेलंगाना, पंजाब, उत्तर प्रदेश, डेनमार्क, इटली, जर्मनी सहित अंतरराष्ट्रीय देशों से भी प्रतिनिधि उपस्थित रहे।