अखिल भारतीय यादव महासभा(अहीर) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर ( अनिल यादव) । न्यू सांगानेर रोड़ स्थित सुमेर पैरेडाइज पर अखिल भारतीय यादव महासभा अहीर की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन से हुआ। कार्यक्रम में देशभर से आए कार्यकारिणी सदस्यों ने अपने विचार रखे । 

महासभा के अध्यक्ष अशोक यादव ने संगठन की गतिविधियों एवं विशेषताओं पर चर्चा करते हुए पारदर्शिता संगठन की मुख्य विशेषता बताया तथा समाज को तकनीकी शिक्षा तथा फिजूलखर्ची एवं दहेज मुक्त विवाह की ओर प्रेरित करने पर बल दिया। अशोक यादव ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की नारायणी सेना की तर्ज पर संगठन के युवा मोर्चा का विस्तार किया जाएगा ।अशोक यादव ने सेना में अहीर रेजीमेंट की बजाय जाति मुक्त सेना की मांग को अधिक सार्थक बताया । 

राष्ट्रीय सचिव रामबालक यादव ने ‘करते हो तुम कन्हैया, मेरा नाम हो रहा है’ गीत के माध्यम से समाज को निष्काम कर्म का संकल्प याद दिलाया। नरसिंह यादव ने बिहार में संगठन को मजबूत करने का आश्वासन दिया। हरियाणा के प्रदेश अध्यक्ष धर्मपाल यादव ने पाखण्डवाद से मुक्ति पाकरं विज्ञानवाद को अपनाने पर बल दिया। हरियाणा के प्रदेश महामंत्री जगमोहन यादव ने अंधश्रृद्धा व पाखंड पर चोट करने व तार्किक समाज के निर्माण व मार्गदर्शन हेतु समस्त समाज खासकर युवाओं के लिए जागरूकता वर्कशाप , सरकारी योजनाओं संबंधी परेशानियों को हल करने हेतु ‘परामर्श केन्द्र’ स्थापना पर बल दिया तथा ‘ या नफरत हो जाए खत्म ’ गीत सुनाया। हरियाणा युवा अध्यक्ष रविकांत यादव ने समाज के गरीब विद्यार्थियों की मदद हेतु फण्ड निर्माण एवं श्रीकृष्ण के अनुरूप सतकर्मों करने पर बल दिया। दीवान सिंह रेवाडी ने समाज के लोगों को योजक बनने एवं संगठन की कला सीखने पर बल दिया । झज्जर के जिला अध्यक्ष वीरेन्द्र सिंह ने शिक्षित बनने एवं संगठित रहने का पैगाम दिया तथा ‘पत्थर की गाय दूध नहीं देती तो पत्थर की मूर्ति समाज को क्या दे सकती है’ कहानी का उल्लेख करते हुए समाज को प्रतीक पूजा की बजाय तर्कशील बनने पर जोर दिया। नोएडा के दलवीर सिंह यादव ने संगठन शक्ति का महत्व बताते हुए कहा कि कोई भी व्यक्ति संगठन से बड़ा नहीं होता है, हमें अपने से छोटे को सम्मान देने की आदत विकसित करनी होगी तथा सभी समाज आपस में जुडैं, यादव ने यादव समाज के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गौतम बुद्ध को ज्ञान देने में जिस महिला ‘सुजाता’ का जिक्र त्रिपिटकों में आता है उसका संबंध भी यादव समाज से ही था। कैप्टिन यादव ने जैसलमेर तक यादव समाज के फैलाव का जिक्र करते हुए कहा कि हमें लोगों से अच्छाईयां सीखनी चाहिए। कर्नल शिवराज सिंह यादव ने कहा कि यह दुर्भाय भी है और विडंबना भी कि इतिहास बनाने वाले लोग इतिहास सुनाने वालों के प्रशंसक व भक्त बन रहे हैं। कुंती बुआ का आशीर्वाद और गांधारी का श्राप समाज में दोनों एक साथ चल रहे हैं, चुनना हमें है कि किसे चुनते हैं। आर्थिक मजबूती की आवश्यकता पर बल देते हुए शिवराज सिंह ने कहा कि लोगों को नियमित रूप से अपनी इच्छा व क्षमता के अनुसार संगठन में आर्थिक सहयोग देना चाहिए।  संस्थापक सदस्य भूपसिंह यादव ने समाज के हर कार्य में बढ़चढ़ कर सहयोग का आश्वासन दिया। हितेश यादव ने कहा कि समाज को गीता ज्ञान का पान करना चाहिए क्योंकि गीता का ज्ञान शेरनी का वो दूध है जो पीएगा वो दहाडेगा । 

संगठन के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं प्रवक्ता अनिल यादव ने संगठन में प्रत्येक स्तर पर अपनाई जा रही बेहद पारदर्शी एवं लोकतांत्रिक प्रक्रिया को संगठन की नीति व नीयत की मुख्य ताकत बताते हुए कहा कि हमें नफरत व द्वेष को मिटाकर प्रेम एवं सम्मान से समाज को जोड़ने का हर सम्भव प्रयास करना होगा। कोषाध्यक्ष ने कहा कि समाज को नेता नहीं एक ऐसा साथी चाहिए जो समाज को पीछे धकेलकर स्वयं आगे नहीं चले वरन् समाज के हर छोटे-बड़े व्यक्ति को साथ लेकर चले। आर्थिक पारदर्शिता का जिक्र करते हुए यादव ने कहा कि महासभा विधान के मुताबिक नकद लेन देने पूर्णतः प्रतिबंधित है अतः प्रत्येक लेन-देन सिर्फ डिजिटल ट्रांजिक्शन या चैक के माध्यम से ही किया जाए। 

अनिल यादव ने कहा कि हमें प्रतीकों व पाखण्डों से बचते हुए तर्कपूर्ण ढंग से सदैव न्याय के पक्ष में तथा शोषित के साथ खड़ा होना चाहिए, ये भी ना हो सके तो कम से कम अन्याय व शोषक को साथ कदापि नहीं देना चाहिए। मधु मक्खी एवं घरेलू मक्खी का उदाहरण देते हुए यादव ने कहा कि हमें मधुमक्खी की तरह संसार के प्रत्येक व्यक्ति से केवल गुण चुनकर सदगुणों का शहद तैयार करते रहना है, घरेलू मक्खी की तरह हमेशा गंदगी की तलाश बंद करनी होगी। 

सुबह प्रातः 11 से शाम 5 बजे तक चले कार्यक्रम का संचालन मुख्य महामंत्री हनुमान सिंह यादव ने किया। जयपुर जिलाध्यक्ष डॉ. सुरेश यादव ने सभी अतिथियों का दुपट्टा पहनाकर   स्वागत किया।