बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर (आशा पटेल)। देशभर में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन कर दिया जाएगा। 1 जुलाई के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पाद बनाना, बेचना और उपयोग करना गैर कानूनी होगा। समस्या डिस्पोजल व्यापारियों की है। प्रदेश की बात करें तो यहां करीब 10 हजार लोग डिस्पोजल उत्पादों के व्यापार से जुड़ें। इनके माध्मय से प्रदेश में करीब 1 लाख लोगों को रोजगार मिलता है। सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन से इन लोगों पर रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। डिस्पोजल व्यापारियों के प्रतिनिधि फोर्टी कार्यालय में फोर्टी अध्यक्ष सुरेश अग्रवाल से मिले। सुरेश अग्रवाल का कहना है कि कोरोना के कारण पिछले दो साल से सामूहिक आयोजनों से सम्बन्धित व्यापार पहले से ही ठप था, अब सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन से हजारों लोगों के रोजगार पर संकट छा गया है। सरकार मिट्टी, लकड़ी और कागज के उत्पादों को विकल्प के तौर पर प्रचारित कर रही है, उनकी कीमतें प्लास्टिक की तुलना में 4 से 10 गुना तक ज्यादा है और कागज, मिट्टी लकड़ी का उपयोग यदि प्लास्टिक की जगह किया जाने लगा तो पर्यावरण संतुलन ही बिगड़ जाएगा। सरकार बीमारी की जगह बीमार से जूझ रही है। समस्या वेस्ट मैनेजमेंट सिस्टम की है। अमेरिका में प्रति व्यक्ति सालाना प्लॉस्टिक उपयोग 109 किलोग्राम है, चीन में 30 किलोग्राम है और हमारे देश में महज 12 किलोग्राम प्लास्टिक प्रति व्यक्ति की खपत है, लेकिन हमारे देश में सरकार ने प्लास्टिक वेस्ट कलेक्शन और रीसाइक्लिंग को कभी गंभीरता से लिया ही नहीं । भारत जैसे बहु जनसंख्या वाले देश में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है, सरकार छीनने की जगह रोजगार देने के लिए योजनाएं बनानी चाहिए। सरकार को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना काल में डिस्पोजल उत्पादों ने ही हमें संक्रमण से बचाने में मदद की थी।
1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक बैन,प्रदेश में 1 लाख लोगों के रोजगार पर संकट