बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर (अनिल यादव)। महाराष्ट्र के अमरावती स्थित वज्झर आश्रम से जयपुर दौरे पर आए शंकरबाबा पापड़कर ने कहा है कि देशभर में लावारिस विकलांगों को 18 वर्ष की आयु पूर्ण करते ही उन्हें सरकारी आवास से बाहर निकालने का फरमान आ जाता है। 18 वर्ष के बाद लावारिस विकलांगों को बेघर करना बेहद दर्दनाक,शर्मनाक व अन्यायपूर्ण है। अत: सरकार को नियमों में संशोधन करते हुए लावारिस दिव्यांगों को आजीवन पुर्नवास सुविधा पर गम्भीरता से विचार करना चाहिए। शंकरबाबा ने बैस्ट रिपोर्टर को बताया कि उन्होने महाराष्ट्र के अमरावती में अपने आश्रम में 123 लावारिस दिव्यांगों को आजीवन पुर्नवास की अवधारणा के आधार पर रखा है और उनके इसी मॉडल को पूरे देश में लागू किया जा सकता है।
लावारिस दिव्यांगों को 18 वर्ष के बाद बेसहारा छोड़ना गलत,आजीवन देखभाल हेतु नियमों में हो सुधार : शंकरबाबा पापड़कर