रिपोर्ट : आशा पटेल
आईपीआई के मुताबिक, जैन और अल्वी को ‘उत्तर प्रदेश में लव जिहाद के नाम पर हिंदू महिलाओं से शादी करने वाले मुस्लिम समुदाय के युवाओं के खिलाफ दर्ज जबरन धर्मांतरण के मामलों की पड़ताल’ संबंधी उनकी रिपोर्ट के लिए पुरस्कार दिया गया।
‘द वीक’ के पत्रकार सुब्रमण्यम और प्रकाश चंद्र को यह पुरस्कार संयुक्त रूप से दिया गया, जिन्होंने युद्धग्रस्त देश सीरिया और इराक में शरणार्थी शिविरों में फंसे भारतीयों, खासतौर से महिलाओं का पता लगाने पर रिपोर्ट की थी।
वहीं, साल 2020 का पुरस्कार ‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की रितिका चोपड़ा को अति विशिष्ट लोगों के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतों से निपटने के मामले में भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) में मतभेद पर उनकी खास खबरों के लिए दिया गया है।
इस पुरस्कार के तहत प्रत्येक टीम को एक लाख रुपए नकद, एक ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है। उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश मदन बी. लोकुर की अध्यक्षता में संपादकों के चयन मंडल ने पुरस्कार के लिए नामों का चयन किया।
साल 2020 व 2021 के लिए यह पुरस्कार 5 मार्च को नई दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब के स्पीकर हॉल में शाम 5 आयोजित एक समारोह में दिए जाएंगे।
बता दें कि यह पुरस्कार अब तक प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में 16 मीडिया संगठनों और पत्रकारों को दिया जा चुका है।
न्यूयॉर्क में 15 देशों के संपादकों के एक समूह द्वारा 71 साल पहले स्थापित आईपीआई, प्रेस की स्वतंत्रता को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध वैश्विक संगठन है।