रिपोर्ट : आशा पटेल
कार्यक्रम के दौरान गोवा मुक्ति संग्राम में शामिल हुए स्वतंत्रता सेनानियों और उनके परिवार को सम्मानित किया गया । जिसमें प्रसिद्ध फ़िल्म दिग्दर्शक राजदत्त, जगदीश तिरोडकर, जेठालाल शहा, विजया तांबे, संध्या बेलोसे, तारा मोहिते, संजीवनी आंग्रे, कोलवाडकर, अनिरुद्ध लिमये शामिल थे। कार्यक्रम में आए प्रतिनिधियों ने गोवा मुक्ति आंदोलन के दौरान शहीद आंदोलनकारियों को श्रद्धा पूर्वक नमन किया।
1510 में गोवा को पुर्तगालियों द्वारा गुलाम बनाया गया था, तब से लेकर 19 दिसंबर 1961 के बीच पुर्तगाली शासकों ने गोवा मुक्ति के लिए आंदोलनरत सेनानियों को बर्बरता पूर्वक कुचला तथा तमाम किस्म की यातनाएं दी। बैठक में आए प्रतिनिधियों ने 18 जून 1946 के समाजवादी चिंतक डॉ राम मनोहर लोहिया के पुर्तगाली शासकों को दी गई चेतावनी और गिरफ्तारी के बाद पैदा हुई आजादी की अभिलाषा को याद किया तथा 1955 से 1961 के बीच देश भर के समाजवादियों एवं गोवा मुक्ति आंदोलन के सेनानियों को याद किया।
बैठक में देशभर के समाजवादी संगठनों और गोवा मुक्ति आंदोलन के महत्व को समझने वाले संगठनों, व्यक्तियों, पार्टियों और जन संगठनों से अपील की गई कि वे गोवा मुक्ति संघर्ष तथा गोवा स्वतंत्रता के 60 वर्ष पूरे होने पर देश के सभी स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने की मांग केंद्र और सभी राज्य सरकारों से करें तथा देश के सभी स्कूलों , कॉलेजों में हीरक जयंती के कार्यक्रम आयोजित करने की अपील भी की गई। बैठक में आईटीएम विश्वविद्यालय, ग्वालियर को गोवा मुक्ति संग्राम से जुड़ी 5 पुस्तकें प्रकाशित करने के लिए विशेष धन्यवाद भी ज्ञापित किया गया। बैठक के आयोजन कर्ता संगठनो ने यह संकल्प लिया कि वे अपने संगठनों के भीतर भी गोवा मुक्ति आंदोलन का प्रचार- प्रसार को लेकर काम करते रहेंगे।
कार्यक्रम के दूसरे सत्र में मुम्बई को आम आदमी केंद्रित न्याय आधारित ग्रीन सिटी बनाने को लेकर विस्तृत चर्चा हुई । बैठक के दौरान डॉ जी जी परीख द्वारा प्रस्ताव पेश किया गया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया।
प्रस्ताव में कहा गया है कि गोवा मुक्ति आंदोलन के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित बैठक, मुंबई की पुनर्रचना के लिए ऐसा समूह या कई समूह स्थापित करने का निर्णय लेती है। जिसमें मुंबई शहर के भावी विकास के केंद्र में आम नागरिक होंगे, गाड़ी वाले नहीं। बैठक इस दिशा में कार्य करने वाले समूहों से यह अनुरोध करती है कि वे आम आदमी केंद्रित नया शहर बनाने के विचार को लोकप्रिय बनाने के लिए आम नागरिकों, कर्मचारियों, श्रमिकों, कलाकारों, साहित्यकारों, पत्रकारों, झुग्गी- झोपड़ी वासियों, अधिकारियों, राजनीतिज्ञों के बीच जागरूकता से कार्य करें।
बैठक ने जलवायु परिवर्तन होने के परिणाम स्वरुप शहर के 30 से 40% हिस्से के पानी में डूबने के पर्यावरणीय संकट को देखते हुए न्याय आधारित ग्रीन सिटी की कल्पना को साकार करने के लिए कार्य करने का निर्णय लिया।
कार्यक्रम का आयोजन जनता ट्रस्ट, राष्ट्र सेवा दल, जनता केंद्र, केशव गोरे ट्रस्ट, मुंबई सर्वोदय मंडल, युसुफ मेहेर अली सेंटर, मुंबई पोर्ट ट्रस्ट, युसुफ मेहेर अली विद्यालय, हिंद मजदूर किसान पंचायत, प्रकाश आनंद प्रतिष्ठान, शिक्षक भारती, मौलाना आज़ाद विचार मंच, हेल्पिंग हैंड चैरिटेबल ट्रस्ट, सेव डेमोक्रेसी, अपना बाजार कॉ ऑपरेटिव , सेव्ह डेमोक्रेसी द्वारा किया गया।