बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। अनिल गोस्वामी,समग्र सेवा संघ। प्रख्यात गांधीवादी विचारक पदमश्री से सम्मानित 93 वर्षीय डॉ सुब्बाराव 'भाई जी' ने आज दिनांक 27 अक्टूबर को सुबह 6.40 बजे अंतिम सांस जयपुर के सवाईमानसिंह अस्पताल में ली। सुब्बाराव के देहांत से गांधी विचार का एक मजबूत स्तम्भ नही रहा। उनका अंतिम संस्कार जौरा आश्रम में किया जाएगा।
गांधीवादी सुब्बाराव जी का जन्म 7 फरवरी 1929 को कर्नाटक के बेगलुर में हुआ। 1942 के स्वतंत्रता आंदोलन भारत छोड़ो में शामिल रहे और जेल गए, उन्होंने आचार्य विनोबा भावे के नेतृव में भूदान ग्रामदान आंदोलन में हिस्सा लिया। सुब्बाराव जी ने गाँधीजी के बताए विचारों को राष्ट्रीय युवा योजना के निदेशक के रूप में अपने शिवरों से लाखों युवाओं को संस्कार, संस्क्रति, अनेकता में एकता के विचारों को रोपित किया एव गांधी जी रचनात्मक कार्यो के प्रति युवाओं को जोड़ा।
उनके अंतिम दर्शन के लिए उनके पार्थिव शरीर को विनोब ज्ञान मंदिर,जयपुर में रखा गया। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोडासरा, अर्चना शर्मा सहित बेंगलोर से आई भाई जी सुब्बाराव की भांजी मीनाक्षी, राजस्थान राज्य गांधी स्मारक निधि के अध्यक्ष डी. आर. मेहता, सचिव धर्मवीर कटेवा, राजस्थान सम्रग सेवा संघ के कार्यकारी अध्यक्ष अरविंद भारद्वाज, सहसचिव अनिल गोस्वामी, महात्मा गांधी जीवन दर्शन समिति के जी.एस. बाफना, वरिष्ठ पत्रकार आशा पटेल, धर्मवीर चंदेल, प्रोफेसर विधा जैन, डॉ अवध प्रसाद, गोपाल शरण, डॉ अमित, प्रोफेसर मोहम्मद हसन आदि गांधीवादी संघठनों, सामाजिक संघठनों व नागरिकों ने श्रद्धा सुमन अर्पति किए।
राजस्थान सम्रग सेवा संघ के गोपाल शरण, हनुमान प्रसाद नायला, कुसुम जैन, एन वाई पी सेक्रेटरी डॉ रणसिंह परमार, कर्नाटक सेवा दल की प्यारी जान, धर्मेंद्र, शीतल जैन, नरेंद्र भाई, जयसिंह जादौन, एल एन त्यागी, सीमा सिंह, कमलेश मीना विनोबा ज्ञान मंदिर जयपुर से भाई जी सुब्बाराव का पार्थिव शरीर सड़क मार्ग से जोरा आश्रम जिला मुरैना मध्य प्रदेश लेकर गए , रास्ते में खेड़ली मोड़ पर राजस्थान सम्रग सेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह ने सुब्बाराव जी के पार्थिव शरीर को पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धा सुमन अर्पित करी। जोरा डाकुओं के समर्पण में सुब्बाराव जी की कार्य स्थली रहा है, वंही पर कल दिनांक 28 अक्टूबर को सायं 4 बजे सुब्बाराव जी को पंचतत्व में विलीन किया जाएगा।