मंथन में राजाराम मील, पूर्व आईएएस राजेन्द्र भानावत, पूर्व प्रशासनिक अधिकारी जस्साराम चौधरी, जी.एल.वर्मा, अनिल यादव, राजेन्द्र कुम्भज, दीपेन्दु भूषण गुहा, सवाई सिंह, एडवोकट नन्दकिशोर स्वर्णकार, एडवोकेट ओमप्रकाश कुरोतिया, गोपीनाथ शर्मा, डॉ.अनिल कुमार जैन, डॉ. आजम बेग, पत्रकार पी.सी.योगी,हाजी मंजूर अली खान, अब्दुल लतीफ आरको, एडवोकेट युनूस अली खान, रामेश्वर सेवार्थी, राजपाल सिंह, शमसुद्दीन, पत्रकार अजीत तिवाड़ी,प्रदीप चौधरी, शम्स कासमी, नाजिम हसन, तमन्ना, मंगल देव पारीक सहित अनेक प्रबुद्ध लोगों ने भाग लिया।
मंथन में सभी सहभागियों ने एक सुर में देश, संविधान,लोकतंत्र एवं नागरिक अधिकारों पर गहराते संकट पर चिंता जताई तथा बढ़ते हमलों की निंदा की।
पूर्व आईएएस राजेन्द्र भानावत ने ‘देश का मालिक कौन ? ’ कविता के माध्यम से लोकतंत्र के चारों स्तम्भों की कर्तव्य विमुखता की ओर इशारा करते हुए कहा कि हम सब काम कर रहें हैं प्रयास मामूली हैं परन्तु हमें मालूम है कि इतिहास फिर लिखा जाएगा और जब इतिहास लिखा जाएगा और पीढ़ियां प्रश्न उठाएंगी तो हमारा नाम आग बुझाने वालों में आना चाहिए यही हमारी तमन्ना है।
राजस्थान किसान महापंचायत के अध्यक्ष राजाराम मील ने संविधान व लोकतंत्र की रक्षा यज्ञ में कंधे से कंधा मिलाकर चलने का आश्वासन दिया।
समग्र सेवा संघ के अध्यक्ष सवाई सिंह ने कहा कि लोगों को अंधश्रृद्वा, पाखंड एवं नफरत के जहर से बचाकर लोकतंत्र एवं संविधान का महत्व समझाना होगा ।
एडवोकेट नन्दकिशोर स्वर्णकार ने कहा कि हमें मुद्दों को चयनित कर प्रत्येक मुद्दे पर विशेषज्ञों की समिति बनानी चाहिए जोकि धर्मनिरपेक्ष ताकतों का मार्गदर्शन करने का काम करे ।
इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राईट के अध्यक्ष डॉ.आजम बेग ने कहा कि जुल्म होने पर आवाज़ पीड़ित समुदाय की ओर से तो आती ही है परन्तु इंसाफ की उससे भी तेज आवाज उन लोगों की ओर से आना बेहद जरूरी है जोकि साम्प्रदायिक नफरत के खिलाफ हैं तथा देश में संविधान एवं कानून के शासन की वकालत करते हैं। बेग ने कहा कि हमें हिन्दु या मुस्लिम या अन्य कोई भी कट्टरवाद के समर्थक धूर्त लोगों की अपील पर अपने वोटों का बंटवारा नहीं होने देना है, वोटों का बंटवारा ही संविधान विरोधी ताकतों की जीत का मूलमंत्र है, अतः संविधान विरोधी ताकतों के खिलाफ किसी एक साझा व सक्षम प्रत्याशी के पक्ष में लामबंद होना ही हमें तानाशाही ताकतों से मुक्ति दिला सकती है।
अम्बेडकर मैमोरियल वैल्फेयर सोसाईटी से जी.एल.वर्मा ने कहा कि पार्टीयों से बंधकर रहना उचित नहीं है, पार्टियों को यह अहसास कराना जरूरी है कि जनता को हर बार मूर्ख नहीं बनाया जा सकता है। एक रिसर्च टीम होनी चाहिए जिसमें पार्टियों के प्रतिनिधि ना हों। सत्ता होगी तो हमारी बात सुनी जाएगी। हमें कम से कम 50 विशेष सीटों जिनमें संविधान प्रेमी वर्गों के लोग संख्या की दृष्टि से प्रभावी हो, पर फासिस्ट ताकतों को हराने के लिए कमर कसनी होगी साथ ही सोशल मीडिया को माध्यम बनाना होगा मेन स्ट्रीम मीडिया पर निर्भर नहीं रहना है। वर्मा ने एस.सी.—एस.टी कमीशन को संवैधानिक दर्जा देने की बात उठाते ही हुए राजस्थान सरकार के प्रति असंतोष जताया।
जमीअत अलेमा ए हिन्द के अध्यक्ष हाजी मंजूर अली खान ने कहा कि सोशल मीडिया के माध्यम से तथा व्यक्तिगत मोबाईल करके लोगों से नियमित सम्पर्क बढ़ाना होगा तथा अपने घरों में उन लोगों को समझाना होगा जो नफरती एजेंडे में हथियार के रूप में इस्तेमाल हो रहे हैं।
शहीद भगत सिंह दिशा मंच के प्यारेलाल शकुन ने कहा संविधान पर खतरे का मतलब है हमारे अधिकार खतरे में हैं,बिना कारण बताए जेलों में डाला जा सकता है। आज संविधान के सभी अंगों ने अपनी निष्पक्षता से काफी हद तक समझौता कर लिया है, आज का लोकतंत्र पूंजीवादी लोकतंत्र है। हमें पार्टीयों के भरोसे नहीं रहना है,जनता की ताकत पैदा करनी होगी। संविधान बदलने की जरूरत नहीं है संविधान में परिवर्तन की व्यवस्था पहले से ही है, परिवर्तन हो परन्तु वो परिवर्तन जनता हित में सकारात्मक होना चाहिए।
एडवोकेट ओमप्रकाश कुरोतिया ने ‘सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना है जोर कितना बाजुए कातिल में है’ उद्घोष को दोहराते हुए कहा कि हमें अपने ट्रेंड वालियंटर तैयार करने होंगें तथा उन्हें धरातल पर उतारकर जागरूकता अभियान चलाना होगा।
अब्दुल लतीफ आरको ने कहा कि हम अपनी कमजोरी छुपाने के लिए दूसरे पर आरोप लगाते हैं, अतः हमें स्वयं के बल पर काम करना है तथा इस संविधान विरोधी बेईमान हकूमत को सत्ताविहीन करना है।
रामेश्वर लाल सेवार्थी ने आरएसएस के पंजीकरण पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि यह संगठन पूरी तरह असंवैधानिक है। सुप्रीमकोर्ट में कॉलेजियम प्रणाली पर प्रश्न उठाते हुए सेवार्थी ने कहा कि संविधान में न्यायिक सेवा की बात है परन्तु कॉलेजियम के माध्यम से कुछ विशेष विचारधारा के लोगों ने सम्पूर्ण न्यायपालिका पर कब्जा कर लिया है।