आयुर्वेद गर्भ संस्कार से प्रसव हुआ आसान व सुरक्षित - डॉ. द्विवेदी


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर (वीबी जैन 9261640571)। कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज की स्त्री रोग विशेषज्ञ व महर्षि चरक रिसर्च व डेवलपमेंट स्कीम की राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर प्रो. डॉ. सीमा द्विवेदी ने बताया कि आयुर्वेद गर्भ संस्कार पध्दति से स्त्रियों में आसान व सुरक्षित प्रसव हो रहे हैं। एलोपैथी व आयुर्वेदिक दवाओं आदि से सामान्य तरीके से प्रसव का प्रतिशत बढ़ा है व सिजेरियन प्रसव की दरें कम हुई है। चार साल के रिसर्च परिणाम काफी संतोषप्रद है। भारत का बीएचयू आईएमएस में पहला स्टेट रिसर्च सेंटर शुरू हुआ था, जिसमें 108 बच्चे पंजीकृत हुए। अब एलोपैथी व आयुर्वेद प्रेक्टिसनर्स में भी एलो-आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति से रिसर्च की ओर रुचि बढ़ी है। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान सम विश्वविद्यालय के स्टेट रिसर्च सेंटर के उद्घाटन के अवसर पर जयपुर आयी डॉ द्विवेदी ने बताया कि आयुर्वेद में आसान व सुरक्षित गर्भ संस्कार की प्रामाणिक सुविधा है जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी स्वीकारा जा रहा है। चन्द्र नमस्कार के अभ्यास से छोटे बच्चों को सुसंस्कार दे अच्छा नागरिक बनाया जा सकता है। इस अवसर पर विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष व इंस्टिट्यूट ऑफ अलाइड साइंस के गवर्निंग काउंसिल अध्यक्ष प्रो. डॉ. जीएस तोमर ने बताया कि स्त्री गर्भावस्था में आयुर्वेद व भारतीय आध्यात्मिक योग पध्दति अपनाये तो स्वस्थ व संस्कारवान सन्तान की प्राप्ति हो सकती है। इस क्षेत्र में हम प्राचीन भारतीय चिकित्सा पद्धति पर वैश्विक परिदृश्य में रिसर्च कर रहे है। इन रिसर्च के उत्साहवर्धक व आशाजनक परिणाम सामने आ रहे हैं। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान सम विश्वविद्यालय के रिसर्च डीन डॉ. सीआर यादव ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान सम विश्वविद्यालय के वाईस चान्सलर प्रो. संजीव शर्मा के अथक प्रयासों से एनआईए में स्टेट रिसर्च सेंटर का शनिवार को केंद्रीय आयुष विशेष सचिव पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा करेंगे, जिसमें इंस्टिट्यूट ऑफ अलाइड साइंस के निदेशक प्रख्यात डॉ. शुभम पाण्डेय सहित कई विद्वान सम्मलित होंगे।