पिछले 75 वर्षों में भारतीय पूंजी बाज़ार का विस्तार एवं सशक्तिकरण
भारतीय पूंजी बाजार - अमृत काल @ 2047 का vision
प्रौद्योगिकी एकीकरण के लिए बैंकिंग और बुनियादी ढांचा का उपयोग
निवेशकों के हितों की रक्षा एवं बाजार में विश्वास के सुधार के लिए सरकार और SEBI की पहल
खुदरा निवेशकों द्वारा धन सृजन
वैश्विक संदर्भ में रैंकिंग और तुलना
वित्तीय साक्षरता और निवेश के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकारी नियामकों एवं स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा उठाए गए कदम।
स्टार्ट-अप्स - "आत्मनिर्भर भारत" के लिए एक catalyst
उक्त सभी पहल ग्रामीण विकास, वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और बैंकिंग इंडस्ट्री तक पहुंच बढ़ाने के लिए है। बचत और ऋण सुविधा को बढ़ावा देने से देश के नागरिकों में entrepreneurship को बढ़ावा मिलेगा जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रगति होगी।