आइकॉनिक वीक समारोह के दौरान “पूंजी बाजार के माध्यम से धन का सृजन” विषय पर कार्यक्रम आयोजित


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर ( अनिल यादव ) । देश अपनी आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने की खुशी को आजादी के अमृत महोत्सव के रूप में मना रहा है। इस दौरान वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आइकॉनिक वीक समारोह दिनांक 06.06.2022 से 11.06.2022 तक मनाया जा रहा है । इसी क्रम में दिनांक 10.06.2022 को निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM), वित्त मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देशानुसार राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति, राजस्थान एवं अग्रणी बैंक कार्यालय, जयपुर के तत्वाधान में शहर के मध्य स्थित बिड़ला सभागार में “पूंजी बाजार के माध्यम से धन का सृजन” विषय पर कार्यक्रम सम्पन्न हुआ । कार्यक्रम का आयोजन निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM), वित्त मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम का उदघाटन केन्द्रीय वित्तमंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण द्वारा भारतीय विज्ञान संस्थान (IISC), बैंगलोर से किया गया । देश में 75 जिलों में इस कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। 

कार्यक्रम में श्री आर. सी. यादव, उप अंचल प्रमुख व उप महाप्रबंधक, बैंक ऑफ बड़ौदा, श्री आलोक सिंघल, सहायक महाप्रबंधक, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति राजस्थान, श्री आशीष आनंद, BSE, श्री गौरव माथुर, आदित्य बिड़ला कैपिटल, श्री रवि खत्री, MCX, श्री संजीव चौहान, NCDEX, श्री अरुण वेंकट, NSE, श्री दिनेश दीक्षित, SEBI, जिला प्रशासन के विभिन्न अधिकारी, अग्रणी जिला प्रबन्धक, जयपुर एवं जिले के विभिन्न बैंकर्स द्वारा सहभागिता की गई।


इस कार्यक्रम में भारतीय पूंजी बाजारों के माध्यम से धन सृजन करने से संबन्धित निम्न महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से बताया गया-

पिछले 75 वर्षों में भारतीय पूंजी बाज़ार का विस्तार एवं सशक्तिकरण

भारतीय पूंजी बाजार - अमृत काल @ 2047 का vision

प्रौद्योगिकी एकीकरण के लिए बैंकिंग और बुनियादी ढांचा का उपयोग

निवेशकों के हितों की रक्षा एवं बाजार में विश्वास के सुधार के लिए सरकार और SEBI की पहल

खुदरा निवेशकों द्वारा धन सृजन

वैश्विक संदर्भ में रैंकिंग और तुलना

वित्तीय साक्षरता और निवेश के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सरकारी नियामकों एवं स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा उठाए गए कदम।

स्टार्ट-अप्स - "आत्मनिर्भर भारत" के लिए एक catalyst

उक्त सभी पहल ग्रामीण विकास, वित्तीय साक्षरता को बढ़ावा देने, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और बैंकिंग इंडस्ट्री तक पहुंच बढ़ाने के लिए है। बचत और ऋण सुविधा को बढ़ावा देने से देश के नागरिकों में entrepreneurship को बढ़ावा मिलेगा जिससे भारतीय अर्थव्यवस्था में प्रगति होगी।