महात्मा गांधी अस्पताल में हुआ मृत्यु संबंधित कानून पर व्याख्यान


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर (अनिल यादव)। राजधानी के महात्मा गांधी अस्पताल में मेडिकल ऑंकोलॉजी, क्रिटिकल केयर तथा पैलिएटिव केयर विभाग के संयुक्त तत्वाधान में "लेट्स टॉक अबाउट डेथ" विषयक व्याख्यान कार्यक्रम आर के ब्लॉक सभागार में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में गहन चिकित्सा ले रहे व्यक्ति की मृत्यु को दर्द रहित बनाने तथा मृत्यु संबंधी कानूनी मसलों पर चर्चा हुई। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एमेरिटस चेयर पर्सन प्रो डॉ एम एल स्वर्णकार ने कहा कि सुखद जीवन की तरह मनुष्य अपने जीवन के अंतिम क्षणों को भी सुखद बनाना चाहता है। अपने परिजनों से अपने मन की बात साझा करना चाहता है,परंतु दुर्भाग्यवश रोगी के वेंटिलेटर पर होने जैसी स्थिति में  रोगी ऐसा नहीं कर पाते हैं। ऐसे में रोगी के परिजनों को पूरी समझाइश तथा सहमति जरूरी होती है।

 मुख्य वक्ता क्लिनिकल सर्विसेज पल्मोनोलॉजी एवं क्रिटिकल केयर यशोदा सुपर स्पेशलिटी गाजियाबाद के डायरेक्टर डॉ आर के मणि ने कहा कि जीवन के हर पहलू की बात होती है परंतु मृत्यु के बारे में चर्चा नहीं होती मेडिकल एजुकेशन सिलेबस में भी मृत्यु तथा उससे संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को शामिल करना चाहिए । गंभीर रोगी अपने अंतिम क्षण किस तरह जीना चाहता है उसके परिजनों को रोग की गंभीरता वेंटिलेटर जैसे उपचार आदि मसलों को पूरी संवेदनशीलता के साथ तथा सटीक समझाइश द्वारा हल किया जाना चाहिए । उन्होंने सुझाव दिया पैलिएटिव केयर के जरिए रोगी का दर्द कम कर सके उसके मानसिक तनाव को भी कम किया जा सके साथ ही परिजनों केसीदर्द को समझा जाना चाहिए। डॉ आशीष जैन, डॉ सृष्टि जैन ने बताया महात्मा गांधी अस्पताल की क्रिटिकल के टीम के वरिष्ठ सदस्य डॉ रवि जैन द्वारा 200 से अधिक चिकित्सकों का सर्वे किया गया जिसमें अधिकांश में मृत्यु संबंधित सामान्य न्यायिक जानकारी का अभाव पाया गया। चिकित्सकों ने सामाजिक न्यायिक पक्ष पर कानून बनाए जाने पर जोर दिया। पैनल डिस्कशन में डॉ जीएन सक्सेना, डॉ हेमंत मल्होत्रा, डॉ ललित मोहन शर्मा, डॉ वीके कपूर, डॉ आर सी गुप्ता, डॉ अश्वनी माथुर, डॉ विजय आनंद, डॉ पुरविश पारीख, डॉ सुधा सरना, डॉ गौरव गोयल,डॉ मुकेश सरना, डॉ अंजुम जोड़, डॉ निपुण लाम्बा, डॉ दीपेश अग्रवाल सहित अन्य चिकित्सकों ने भाग लिया।