हस्तशिल्प निर्यात बढ़ाने के लिए ईपीसीएच ने अफ्रीका और मध्य पूर्व में क्रेता-विक्रेता बैठक आयोजित किया

रिपोर्ट : आशा पटेल


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। ईपीसीएच महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद ने भारतीय दूतावासों और उच्चायोगों और अफ्रीका, पश्चिम एशिया और उत्तर अफ्रीकी (वाना क्षेत्र) देशों में महावाणिज्य दूतावासों के सहयोग से भारतीय हस्तशिल्प उत्पादकों व निर्यातकों और मध्यपूर्व और अफ्रीकी देशों के खरीदारों के साथ 15 से 18 फरवरी, 2022 को एक वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक का सफल आयोजन किया जहां भारत के विभिन्न हिस्सों से शामिल हुए 100 उत्पादकों और निर्यातकों ने इस वर्चुअल बीएसएम में अपने हस्तशिल्प उत्पादों के विस्तृत रेंज प्रस्तुत किए. उन्होंने बताया कि इस वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक का आयोजन हस्तशिल्प, उपहार, फर्नीचर,फैशन , लाइफ स्टाइल उत्पादों की सोर्सिंग में रुचि रखने वाली खाड़ी देशों, मध्यपूर्व और अफ्रीकी देशों की कंपनियों को वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भारतीय कंपनियों के साथ मैच मेकिंग के उद्देश्य से किया गया ताकि अफ्रीकी और वाना क्षेत्रों के देशों और अन्य बाजारों से खरीदारों और आयातकों के बीच भारतीय हस्तशिल्प की एक ब्रांड इमेज तैयार हो. वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर 15 फरवरी, 2022 को इस कार्यक्रम के उद्घाटन समारोह का आयोजन सऊदी अरब में स्थित भारतीय दूतावास में राजदूत डॉ. औसाफ सईद, मिस्र में भारतीय राजदूत श्री अजीत गुप्ते, दक्षिण अफ्रीका के जोनहान्सबर्ग में स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास में महावाणिज्य दूत सुश्री अंजू रंजन के शुभकामना संदेशों के साथ किया गया. भेजे गए संदेशों में निर्यात करने वाली पूरी हस्तशिल्प बिरादरी की, हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने और निर्यात बढ़ाने के उनके प्रयासों को जारी रखने की अदम्य भावना के लिए सराहना की गई. इस अवसर पर बोलते हुए ईपीसीएच अध्यक्ष श्री राजकुमार मल्होत्रा ने वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक में सबका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि वर्चुअल बीएसएम ने प्रदर्शकों और खरीदारों दोनों को एक उपयुक्त मार्केटिंग विकल्प प्रदान किया है. यह उम्मीद की जाती है कि भारतीय मिशन के सहयोग से आयोजित इस वर्चुअल क्रेता-विक्रेता बैठक से भारत से मध्यपूर्व और अफ्रीकी देशों में हस्तशिल्प उत्पादों के निर्यात में वृद्धि होगी और लोगों के बीच संबंधों में भी बढोतरी होगी. हस्तशिल्प क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, क्योंकि यह न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के महत्वपूर्ण अवसर पैदा करता है बल्कि भारत से निर्यात में भी महत्वपूर्ण हिस्सेदारी रखता है, इस वर्चुअल क्रेता विक्रेता मीट के माध्यम से आगंतुकों ने क्षेत्र में हस्तशिल्प को बढ़ावा देने समेत आपसी लाभ के लिए दीर्घकालीन साझेदारी बनाने की दिशा में भारतीय बिजनेस संस्थाओं और उसे बढ़ावा देने वाले विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ बातचीत की.

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि ईपीसीएच पहले ही 12 से अधिक वर्चुअल मेलों और बीएसएम का आयोजन कर चुका है. वर्चुअल बीएसएम ने खरीदारों और विक्रेताओं को डिजिटल मोड के माध्यम से जोड़ा है और सफलतापूर्वक कारोबार किया है. श्री आर. के. वर्मा ने सभी खरीदारों और प्रदर्शकों को बीटूबी मैचमेकिंग करना जारी रखने की ईपीसीएच की प्रतिबद्धता व्यक्त की और वाणिज्य मंत्रालय भारत सरकार के साथ ही साथ ही वर्चुअल बीएसएम को बढ़ावा देने के लिए अफ्रीकी और वाना क्षेत्रों के भारतीय मिशन को धन्यवाद दिया जिससे प्रतिभागियों को उत्साहजन प्रतिक्रिया मिली. उन्होंने आगे कहा कि इश पहले से इन क्षेत्रों में व्यापार बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त होगा.

बीएसएम के लिंक पर जाएंः https://indianhandicrafts.epch.in/

ईपीसीएच महानिदेशक डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि 2020-21 के दौरान हस्तशिल्प का निर्यात 25679.98 रुपये (3459.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर) था और 2021-22 के पहले 10 महीनों यानी अप्रैल-जनवरी 2021-22 के दौरान अनुमानित निर्यात 27146.41 करोड़ (3651.14 मिलियन अमेरिकी डॉलर) है.