सेवा से वंचित एमएसएमई को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और यू ग्रो कैपिटल मिल कर देंगे उधार

रिपोर्ट : आशा पटेल


भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को उधार देने के लिए लिस्टेड एमएसएमई फिनटेक ऋण प्लेटफॉर्म यू ग्रो कैपिटल से हाथ मिलाया है। दोनों ने भारतीय रिजर्व बैंक के संशोधित को-लेंडिंग गाइंडेंस के अनुसार समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। 

एसबीआई सक्रिय रूप से एमएसएमई को फाइनंेस सुविधा उपलब्ध कराने और समस्त एमएसएमई तक सेवाएं पहुंचाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है। इस दिशा में बैंक अपने प्रोडक्ट्स के माध्यम से अनेक एनबीएफसी के साथ सह-उधार के अवसरों की तलाश कर रहा है। यह पहल एमएसएमई को वित्तीय रूप से सशक्त करेगी और देश में वित्तीय समावेशन को आगे बढ़ाएगी।

इस अवसर पर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री दिनेश खारा ने कहा, ‘हमें को-लेंडिंग प्रोग्राम के तहत यू ग्रो कैपिटल के साथ हाथ मिलाने की खुशी है। यह सहयोग हमारे वितरण नेटवर्क को और बढ़ाएगा, क्योंकि हमारा लक्ष्य अधिक से अधिक एमएसएमई तक अपनी क्रेडिट पहुंच का विस्तार करना है। इस तरह की साझेदारी भारत में एमएसएमई को प्रभावी और किफायती ऋण में तेजी लाने की हमारी प्रतिबद्धता के के अनुरूप है और देश के वित्तीय समावेशन में योगदान करती है जो एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में जरूरी कदम है।’

श्री दिनेश खारा, अध्यक्ष, एसबीआई, श्री सी.एस. सेट्टी, एमडी (खुदरा और डिजिटल बैंकिंग), एसबीआई और श्री शचींद्र नाथ, कार्यकारी अध्यक्ष और एमडी, यू ग्रो कैपिटल की उपस्थिति में साझेदारी पर हस्ताक्षर किए गए।

आरबीआई ने बैंकों और एनबीएफसी के लिए प्राथमिकता क्षेत्र को उधार देने के लिए को-लेंडिंग मॉडल को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए थे ताकि अर्थव्यवस्था के कम सेवा वाले क्षेत्रों में ऋण के प्रवाह में सुधार किया जा सके और उधारकर्ताओं को किफायती दरों पर धन उपलब्ध कराया जा सके। को-लेंडिंग मॉडल का उद्देश्य उधारकर्ता को सर्वाेत्तम ब्याज दर और बेहतर पहुंच प्रदान करना है।