क्या आप और हम अच्छे व देशभक्त इंसान हैं ?

ये क्या हो रहा है हमारे देश में ?


कुछ लोग संघ मुक्त भारत बनाने में जुटे हैं,कुछ कांग्रेस मुक्त भारत बनाने में दिन रात एक किए हुए हैं और कुछ ऐसे भी हैं जो संघ और कांग्रेस दोनों से मुक्त भारत का सपना देख रहें हैं परन्तु इन सभी के पास शायद समस्या मुक्त भारत बनाने का वक्त ही नहीं है। जबकि समस्या मुक्त भारत ही आप और हम जैसे देशवासियों की अपरिहार्य आवश्यकता है।


राम,गाँधी और शहीदों का नाम जपने से नहीं वरन् उनके बताये रास्ते पर चलने से ही सकारात्मक परिवर्तन संभव है। नाम जपना आसान होता है परन्तु मर्यादित होकर महानता के रास्ते पर चलना मुशकिल। इसलिये कुछ लोग गाँधी के नाम पर,कुछ राम के नाम पर और कुछ लोग शहीदों के नाम पर अपनी—अपनी राजनीतिक रोटियाँ सेकने में पूरी तन्मयता से लगे हुए हैं। लेकिन दोष इनका नहीं है, आप और हम जैसे लोग भी कम मूर्ख नहीं हैं जो सबकुछ जानते हुए भी धर्म,जाति,क्षेत्र,भाषा,व्यक्ति,पार्टी,व्यवसाय और न जाने किस किस बात पर अपनी एकता का प्रदर्शन करते रहते हैं परन्तु देश के नाम पर एकता,उसका क्या?


हमारी देशभक्ति हमारे शब्दों तक दिखावे के रूप में ही प्रकट होती है,वास्तविकता तो ये है कि हम देशभक्त नहीं हैं क्योंकि वास्तव में हम देशभक्ति का अर्थ समझते ही नहीं हैं, हम सिर्फ शाब्दिक देशभक्ति प्रकट करके न सिर्फ औरों को वरन् अपने आप को भी मूर्ख बनाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन सत्य तो सत्य होता है ,एक झूठ को सौ बार बोलने पर वह सत्य लग सकता है,इसके माध्यम से लोगों की आँखों में धूल झौंकी जा सकती है परन्तु क्या झूठ कभी सत्य बन सकता है? क्या हम परमसत्ता जिसे हम चाहे किसी भी नाम से क्यों नहीं जानते हों,की आँखों में धूल झौंक सकते हैं ? नहीं कदापि नहीं। अत: आज हमें आवश्यकता है देशभक्ति के सही अर्थ को समझने की। प्रश्न उठता है कि हम देशभक्त इन्सान आखिर कहेंगें किसे ? देशभक्त इंसान के गुण क्या होते हैं ? आज इस संक्षिप्त लेख के माध्यम से हम एक देशभक्त इंसान के कतिपय लक्षणों को स्पष्ट करने का प्रयास कर रहे हैं :-


1—अच्छा व देशभक्त इंसान जनकल्याण के लिए बनाए गए हर उचित नियम का दृढ़ता से पालन करता है वो भी बिना किसी निगरानी या दबाब के पूर्ण स्वेच्छा से । इतना ही नहीं वो अपने आचरण से लोगों को भी ऐसा करने का संदेश देता है। यातायात पुलिसकर्मी को ना देखकर ट्रेफिक सिंगनल तोड़कर भागते हुए लोग,हैलमेट ना लगाने में या लहरा—लहराकर तेज गति में वाहन चलाकर शान समझने वाले लोग देशभक्त नहीं कहे जा सकते हैं।


2—अच्छा व देशभक्त इंसान नारी का उसके हर रूप में सदैव सम्मान करता है फिर चाहे वो महिला उसके परिवार की सदस्य हो या नहीं। नारी का अपमान या तिरस्कार करने में बडप्पन समझने वाले लोग देश व संस्कृति दोनों के द्रोही ,मानसिक रोगी व दण्डनीय अपराध के पात्र होते हैं।


3—अच्छा व देशभक्त इंसान धर्म,जाति,भाषा,क्षेत्र,व्यक्ति,पार्टी,व्यवसाय,या अन्य किसी भी आधार पर समाज को बांटने वाली बाते कभी नहीं करता है।


4—अच्छा व देशभक्त इंसान अपनी हानि करके भी बच्चों,बजुर्गों,वंचितों,असहायों व जरूरतमद लोगों को हर संभव तरीके से लाभांवित करने का प्रयास करता है तथा इस कार्य में खुशी महसूस करता है।


5—अच्छा व देशभक्त इंसान कभी किसी का मजाक नहीं उड़ाता वो केवल सुधार की इच्छा से सकारात्मक आलोचना करता है।


6—अच्छा व देशभक्त इंसान सदैव स्वयं में कमियाँ ढूंढता है और दूसरों में गुण।


7—अच्छा व देशभक्त इंसान सदैव देने की इच्छा रखता है,लेने की नहीं।


8—अच्छा व देशभक्त इंसान सदैव न्याय के समर्थन में और अन्याय के विरोध में खड़ा होता है ।


9—अच्छा व देशभक्त इंसान मंदिर,मस्जिद,गुरूद्वारा,गिरजाघर या किसी भी आस्थास्थल के निर्माण के लिए लोगों का रक्त बहाने की बात नहीं करता बल्कि अपने मर्यादित आचरण से अपने स्वयं के मन को मंदिर,मस्जिद,गुरूद्वारा,गिरजाघर की तरह पवित्र बनाने में लगा रहता है ताकि उसे इस आस्था केन्द्रों पर जाने के जरूरत ही ना पड़े। राम के नाम पर राज तो आ चुका है परन्तु वास्तविक रामराज्य का इंतजार कब खत्म होगा?


10— अच्छा व देशभक्त इंसान सदैव दूसरों को आगे बढ़ता हुआ देखकर प्रसन्न होता है,ईर्ष्यावश दूसरों की टांग नहीं खींचता। एक दूसरे की टांग खींचने की प्रवृति के कारण कोई भी आगे नहीं बढ़ पाता है, ना टांग खींचने वाला और ना जिसकी टांग खींची जा रही है वो। परिणाम पूरे देश का विकास रूक जाता है क्योंकि आप और हम सबसे मिलकर ही देश बनता है।


11— अच्छा व देशभक्त इंसान बिजली,पानी या किसी भी अन्य सार्वजनिक संसाधन की चोरी या दुरूपयोग नहीं करता है और ना ही कभी किसी भी सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाता है
12— अच्छा व देशभक्त इंसान अपने आसपास न सिर्फ भौतिक स्वच्छता के प्रति बेहद गम्भीर रहता है। वरन् वैचारिक स्वच्छता पर उससे भी अधिक गम्भीर होता है।


13— अच्छा व देशभक्त इंसान किसी धर्म,जाति,भाषा,क्षेत्र,पार्टी ,व्यवसाय या व्यक्ति का भक्त नहीं बनता है वरन् वह हर बात पर जागरूक रहकर विचार व मुद्दे के औचित्य या अनौचित्य के आधार पर समर्थन या विरोध करता है। विरोध के लिए विरोध करना देशभक्त की पहचान नहीं होती है।


14— अच्छा व देशभक्त इंसान अपने महिमामण्डन से बचता है तथा अपुष्ट बातों को जोर—जोर से बोलकर दूसरों पर थोपने की कोशिश नहीं करता है। इतना ही नहीं वो अपने किए गये कार्यों को भी सिर्फ अन्य लोगों को प्रेरणा देने के मकसद से प्रचारित करता है नाकि स्वयं श्रेय लेने के मकसद से।


15— अच्छा व देशभक्त इंसान दूसरों को माफ करने व सुधरने का अवसर देने की प्रवृत्ति रखता है ना कि बदले या दूसरे के विनाश की इच्छापूर्ति में अपना समय नष्ट करता है।


16- अच्छा व देशभक्त इंसान कभी भी अपने कर्तव्य में कमी नहीं छोड़ता और अपने अधिकारों का दुरुपयोग नहीं करता


17- अच्छा व देशभक्त इंसान अपने शरीर को देश की संपत्ति मानते हुए उसे हर प्रकार के नशे से दूर रखता है तथा दूसरों को भी हर प्रकार के नशे से दूर रहने की प्रेरणा देता है फिर चाहे वो नशा बीड़ी,सिगरेट या शराब का हो या फिर धन,पद, शक्ति,सुंदरता, किसी खास गुण या अन्य किसी प्रकार का हो।


18- अच्छा व देशभक्त इंसान प्रत्येक प्रकार के भ्रष्ट आचरण यानी भ्रष्टाचार से स्वयं को दूर रखता है व समाज को हमेशा सदाचार की खीख देता है इतना ही नहीं वो प्रत्येक भ्रष्ट आचरण की सदैव निंदा तथा सदाचारण की सदैव प्रशंसा करता है,वो भी बिना किसी भी प्रकार (जाति,धर्म,क्षेत्र,लिंग,भाषा आदि) के पक्षपात के।


19. अच्छा व देशभक्त इंसान की वाणी में मिठास,संयम एवं तर्क का संगम पाया जाता है तथा वो कभी भी अनावश्यक क्रोध नहीं करता है।


20. अच्छा व देशभक्त इंसान कर्मठ , ज्ञान का जबरदस्त भूखा यानी अध्ययनशील तथा स्वयं की गलतियों को स्वीकारने व सुधारने का पक्षधर होता है, वो ना स्वयं कामचोर, ज्ञान या अध्ययन से दूर भागने वाला तथा गलती पर अनावश्यक अड़ने होता है ना किसी अन्य को कामचोरी या ज्ञान या अध्ययन से दूर भागने तथा गलती पर जबरदस्ती अड़ने की प्रेरणा देता है।


21. अच्छा व देशभक्त इंसान भी सामान्य लोगों की तरह सिर्फ अपनी खुशी के लिए जीता है, फर्क सिर्फ इतना है उसे 'खुशी' केवल तब मिलती है जब उसके प्रयास से किसी जरूरतमंद को 'खुशी' मिलती है। पक्षपात से मुक्त होकर किसी जरूरतमंद की खुशी के लिए किए गए प्रयासों में अपने योगदान देकर खुशी पाने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति ही स्वयं को अच्छा व देशभक्त इंसान मान सकता है।


22. अच्छा व देशभक्त इंसान सत्य,अहिंसा,अस्तेय,अपरिग्रह,ब्रह्चर्य एवं दृढता जैसे अद्भुद गुणों का न सिर्फ सम्मान करता है, वरन् वो इन गुणों को स्वयं में पैदा करने तथा बनाए रखने हेतु निरंतर अभ्यास एवं आत्मावलोकन करता रहता है।


23. अच्छा व देशभक्त इंसान निराशा में भी आशा की किरण ढूंढने में लगा रहता है, वो कभी भी न तो ​मैदान छोड़ता है और ना ही अपना लक्ष्य बदलता है। विपरीत परिस्थितियों में भी सिर्फ रास्ता बदलने पर विचार करता है नाकि लक्ष्य बदलने पर।


24. अच्छा व देशभक्त इंसान न सिर्फ स्वयं को वरन् अपने अधीन लोगों को भी यथासंभव अधिकतम शक्तिशाली,गुणी तथा स्वतंत्र या निर्भय बनाने हेतु प्रयासरत रहता है ना कि अधीनस्थों को सिर्फ इसलिए शक्तिहीन,निर्गुणी व भयभीत बनाकर रखना चाहता है ताकि केवल उसका ही राज चले


इस लेख में स्पष्ट किये गये बिन्दुओं के अलावा भी अनेक और बिन्दु हो सकते हैं जोकि आपको अपनी देशभक्ति को परखने का अवसर दे सकते हैं तथा आपको शाब्दिक देशभक्त की बजाय वास्तविक देशभक्त में बदल सकते हैं। ऐसा होने पर ही देश की व्यवस्थाओं में न केवल आमूलचूल वरन् सकारात्मक परिवर्तन संभव हो सकता है। हम तो अच्छा व देशभक्त बनना चाहते हैं और इसी ओर प्रयासरत भी हैं। क्या आप भी ऐसा बनना चाहते ? यदि हाँ तो आज और अभी से जुट जाएं देशभक्ति की कसौटी पर स्वयं को कसने व उस कसौटी पर स्वयं को ख़रा उतारने के प्रयास में।


लेखक व निवेदक :
अनिल यादव,सम्पादक
बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर।
9414349467