बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर (रिपोर्ट : आशा पटेल ) । मां की ओर से लिवर और किडनी डोनेट कर के अपने बच्चे की जान बचाने की बात हमने कई बार सुनी होगी, लेकिन अब बोन कैंसर के केसेज में मां अपने बोन डोनेट करके भी अपने बच्चे की जान बचा सकती है। देश में इस तरह के केसेज अब होने लगे है जहां मां की फिब्यूला को बोन कैंसर बच्चों के उपचार में उपयोग लेकर मां की ओर से बच्चों को जीवनदान दिया जा रहा है। यह जानकारी पद्मश्री डॉ एसएस यादव ने बीएमऑर्थोऑन्कोकॉन के दौरान दी। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंव रिसर्च सेंटर की ओर से शनिवार को बीएमकॉन-7 बीएमऔर्थोऑन्कोकॉन के पहले दिन डॉ यादव ने बताया कि अब देष में मटर्नल फिब्यूला ड्राफ्ट टेक्निक का इस्तेमाल होने लगा है। यह टेक्निक बोन कैंसर से पीड़ित बच्चों के उपचार में कारगर साबित हो रही है।
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा ने बीएमसीएचआरसी की ओर से दी जा रही उपचार की विश्वस्तरीय सुविधाओं की प्रशंसा करते हुए चिकित्सालय की कल्याणकारी योजनों के जरिए गरीबों को दिया जा रहा निशुल्क उपचार को सराहा है। चिकित्सालय की ओर से चिरंजीवी के तहत दी जा रही सुविधाओं को भी सराहा गया। समारोह के विशिष्ट अतिथि इंडसइंड बैंक के मार्केट हैड कुणाल भारद्वाज के साथ ही चिकित्सालय के प्रबंध न्यासी विमल चंद सुराणा, कोषाध्यक्ष डॉ प्रेमसिंह लोढ़ा, अधिशासी निदेशक मेजर जनरल एससी पारीक सहित कई लोग मौजूद थे।
कॉन्फ्रेंस के आयोजक सचिव डॉ प्रवीण गुप्ता ने बताया कि देष-विदेष से आए डॉक्टर्स की ओर से रिसर्च के बाद प्रचलन में आए एडवांस ट्रीटमेंट तकनीक पर विस्तार से चर्चा की गई। इसमें 3 डी टेक्निक, 3डी जिग के साथ ही नेविगेशन तकनीक से बोन से कैंसर को निकालना एवं विभिन्न तकनीकों से बोन को फिर से बनाने की विभिन्न विधाओं पर चर्चा की गई। दो दिवसीय इस कॉन्फ्रेंस में देष-विदेष से 250 से अधिक ऑर्थो कैंसर स्पेशलिस्ट भाग ले रहे है। कॉन्फ्रेंस के पहले दिन सात टेक्निकल सेशन में 35 से अधिक डॉक्टर्स की ओर से पेपर प्रेजेंटेशन और डिस्कशन आयोजित हुआ।
कॉन्फ्रेंस में डॉ राकेश भार्गव, डॉ विनय गोयल, डॉ मंदीप शाह, डॉ नरेन्द्र जोशी, डॉ आरसी मीणा, डॉ एसएस यादव, डॉ जेएन सेन, डॉ राहुल कटटा सहित कई वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सर्जन, ऑर्थोऑन्कोलॉजिस्ट और कैंसर विषेषज्ञों ने भाग लिया। कॉन्फ्रेंस के पहले दिन विभिन्न सेषन के दौरान लिंब सेविंग सर्जरी, फिब्यूला ड्रॉफ्ट जैसी तकनिकों पर भी विस्तार से चर्चा गई।