5 से 14 मार्च देशी -विदेशी लेखकों का महाकुम्भ 15वाँ जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल

रिपोर्ट : आशा पटेल 


बैस्ट रिपोर्टर न्यूज,जयपुर। आइकोनिक जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 15वां संस्करण, 5 से 14 मार्च 2022 को, होटल क्लार्क्स आमेर, जयपुर में आयोजित होने जा रहा है| फेस्टिवल में इस साल 15 भारतीय भाषाएँ शामिल होंगी| राजस्थानी विरासत और संस्कृति पर आधारित कई विशेष सत्र भी फेस्टिवल का हिस्सा बनेंगे| फेस्टिवल की प्रोडूसर, टीमवर्क आर्ट्स ने प्रेस कांफ्रेस का आयोजन कर, उन सत्रों पर प्रकाश डाला जो राजस्थान और गुलाबी नगरी की महत्ता पर चर्चा करेंगे|

राजस्थान के माननीय पर्यटन मंत्री, विश्वेन्द्र सिंह ने कहा, “गुलाबी नगरी में आयोजित होने वाले, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के फिर से ऑन ग्राउंड होने पर हमें बेहद प्रसन्नता है| मेरा विश्वास है कि यह फेस्टिवल सही मायनों में देशी-विदेशी लेखकों को एक ऐसा मंच प्रदान करता है, जहाँ से वो साहित्य, संस्कृति और धरोहर के बारे में अपने विचार अधिक से अधिक श्रोताओं तक पहुंचाते हैं | हम राजस्थान और जयपुर में सभी लेखकों, वक्ताओं, कलाकारों, संगीतकारों और आगंतुकों का स्वागत करते हैं|”   

टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, संजॉय के. रॉय ने कहा, “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल एक बार फिर से ऑन ग्राउंड रूप से जादू चलाने को तैयार है| इस साल के प्रोग्राम में साहित्य के विभिन्न पहलुओं के साथ ही, यूक्रेन-रूस विवाद, जलवायु परिवर्तन, न्यू वर्ल्ड ऑर्डर, फिक्शन की कला, काव्य, यात्रा, विज्ञान, इतिहास आदि पर भी फोकस रहेगा|”

क्लार्क्स ग्रुप ऑफ़ होटल्स के मैनेजिंग डायरेक्टर, अपूर्व कुमार ने कहा, “हमें गर्व है कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का 15वां संस्करण, 5 से 10 मार्च को होटल क्लार्क्स आमेर में आयोजित हो रहा है| क्लार्क्स हमेशा से इस साहित्यिक कुम्भ से जुड़ा रहा है| हम पहले फेस्टिवल के म्यूजिक स्टेज का आयोजन करते रहे हैं| इस बार जयपुर म्यूजिक स्टेज के साथ, साहित्यिक सत्र भी यहीं होंगे| ये कहना अतिश्योक्ति नहीं होगा कि ये फेस्टिवल इस राज्य का सबसे बड़ा इवेंट होने के साथ ही, पर्यटन का भी सबसे बड़ा इवेंट बन गया है| भारत भर से ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रोता इस आइकोनिक फेस्टिवल का हिस्सा बनने के लिए आते हैं|” 

फेस्टिवल में ऐसे कई सत्र होंगे, जहाँ राजस्थान की अनेकों भाषाओँ और बोलियों पर चर्चा होगी| एक सत्र में, कवि और महान साहित्यकार, चन्द्र प्रकाश देवल राजस्थान की भाषाओँ, साहित्य, कविता और संगीत पर अपने विचार रखेंगे| उनका साथ देंगी लेखिका और कवयित्री अनुकृति उपाध्याय| राजस्थान की समृद्ध भाषा, वाचिक और साहित्य परम्परा अनेकों बोलियों द्वारा व्यक्त होती रही है, हालाँकि फिर भी राजस्थानी भारतीय भाषाओँ में अपना स्थान दर्ज करवाने के लिए संघर्ष कर रही है| 

राजस्थान कला और संस्कृति का विशाल केंद्र रहा है| एक सत्र, ट्रेजर एट द जयपुर कोर्ट में लेखिका वंदना भंडारी और इतिहासकार गिल्स तिलोत्सों के साथ संवाद में इतिहासकार रीमा हूजा जयपुर दरबारों की सदियों से संगृहीत विरासत पर प्रकाश डालेंगी| इस किताब में, देश और दुनिया के 40 से अधिक विद्वानों ने इन एंटीक्स पर लेख लिखे हैं| 

इतिहास में, हम मेवाड़ के राजा महाराणा प्रताप के प्रसिद्ध घोड़े चेतक के किस्से सुनते हुए बड़े हुए| चेतक रणभूमि में किसी वीर योद्धा से कम नहीं रहा| एक सत्र में इतिहासकार यशस्वनी चंद्रा और रीमा हूजा महान योद्धा महाराणा प्रताप और उनके प्यारे घोड़े चेतक के बारे में कुछ और अनसुनी कहानियां सुनाएंगी|