लोहागढ़ विकास परिषद् की संगोष्ठी में सुजान गंगा एवं भरतपुर दुर्ग की दुर्दशा पर चिन्ता

तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने अशस्वत किया है कि आगामी तीन माह मेंं अजेय लोहागढ़ दुर्ग एवं सुजानगंगा के जीणोद्धार एवं सौन्दर्यकरण से जुड़ी डीपीआर तैयार करायी जायेगी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मार्गदर्शन में ऐतिहासिक धरोहर के संरक्षण संबर्धन सम्बंधी परियोजना का राज्य के अगले बजट में दिग्दर्शन होगा। उन्होनें कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण तथा पर्यटन विभाग और अन्य एजेन्सियों को  मिलकर अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिये । 

लोहागढ़ विकास परिषद के तत्वावधान में रविवार को जयपुर स्थित सरस संकुल सभागार में जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों और प्रबुदजन की उपस्थिति में आयोजित संगोष्ठी में सुजान गंगा एवं देश के प्रमुख मैदानी दुर्ग की दुर्दशा पर चिन्ता व्यक्त करते हुये भरतपुर जिले के पर्यटन महत्व की दृष्टि से ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण व संबर्धन के लिये कार्य योजना बनाकर उसे समयबद्ध रूप से क्रियान्वत करने पर बल दिया गया।

भरतपुर के चहुमुखी विकास के लिये सकारात्मक माहौल बनाये जाने पर बल देते हुये डॉ. गर्ग ने बताया कि केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान में चम्बल का पानी उपलब्ध कराने के लिये मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार 750 करोड़ रूपये लागत की डीपीआर योजना बनायी गयी है उसी प्रकार पांचना बांध में लांगरा गांव से चम्बल का पानी लाने की परियोजना को स्वीकृति दी है। 

गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री भजन लाल ने दलीय भेदभाव से उठ कर भरतपुर जिले के विकास पर बल देते हुये कहा कि ऐतिहासिक धरोहरो की सुरक्षा के लिये धन की कोई कमी नहीं आने दी जायेगी। 

नगर निगम भरतपुर के महापौर अभिजीत कुमार ने कहा कि निगम सुजान गंगा नहर के सौन्दर्यकरण के लिये कोई कमी नहीं आने देगा । इस कार्य में सम्बंधित एजेन्सियों से बराबर तालमेल बैठाकर कार्य को गति दी जावेगी। 

वयोवृद्ध राजनेता पूर्व सांसद पं. रामकिशन ने प्रदूषणयुक्त पानी से सुजान गंगा को मुक्त कराने एवं सौन्दर्यकरण को क्रियान्वत करने के लिये पानी लाने के लिये पुख्ता व्यवस्था करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि भरतपुर सहित 13 जिलो से जुड़ी ईर्स्टन नहर परियोजना को लागू करने पर ही भरतपुर जिले में पानी की समस्या का हल होने पर उद्योग लग पायेगें और 70 हजार बेरोजगार युवको को रोजगार मिल सकेगा। परिषद कोषाध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, राजस्थान विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष गिर्राज प्रसाद तिवारी, सांसद रंजीता कोली के संदेश का वाचन किया। कार्यक्रम संचालक प्रदीप चतुर्वेदी ने आभार व्यक्त किया। 

भरतपुर के संस्थापक महाराजा सूरजमल के चित्र के समक्ष दीपप्रज्वलन किया गया गीतकार विठल पारीक की बृज वन्दना से आरम्भ हुई संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार एवं परिषद के कोषाध्यक्ष गोपाल गुप्ता व दक्षय अग्रवाल के पावर प्रजेन्टेशन के साथ एडवोकेट श्रीनाथ शर्मा ने अपने पत्रवाचन में सुजान गंगा के नष्ट होते पारिस्थिति की तन्त्र तथा इसके जीवन्त सौन्दर्य को विक्रत करने से जुड़े विभिन्न पहलुओं को कानूनी लड़ाई के साथ रेखांकित किया।

परिषद के अध्यक्ष वरिष्ठ पत्रकार गुलाब बत्रा ने भरतपुर स्थापना दिवस के आयोजन सहित परिषद के उद्देश्यों एवं गतिविधियों और सचिव डॉ. प्रदीप चतुर्वेदी ने संगोष्ठी के बारे में जानकारी दी। वयोवृद्ध राजनेता पूर्व सांसद पं. रामकिशन के सानिध्य में आयोजित संगोष्ठी को तकनीकी एवं शिक्षा मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग, गृह रक्षा एवं नागरिक सुरक्षा राज्य मंत्री भजन लाल, भरतपुर नगर निगम के महापौर अभिजित कुमार, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के सहायक अधीक्षण पुरातत्वविद मनोज द्विवेदी, राज्य के पुरातत्व एव संग्रहालय विभाग के अधीक्षक सोहन लाल ने सम्बोधित किया।

एडवाकेट श्रीनाथ शर्मा ने बताया कि तत्कालीन शासकों ने बहुउद्देशीय उपयोग के लिए सुजान गंगा को अनुरक्षित किया था। केन्द्र और राजस्थान सरकार ने लोहागढ़ दुर्ग एवं सुजान गंगा को पुरामहत्व का संरक्षित स्मारक घोषित किया। समुचित देखभाल एवं सुरक्षा के अभाव तथा वर्तमान पीढी की उदासीनता जिम्मेदार सरकारी संस्थानों एवं एजेसियों की ओर से बरती गई अक्षम्य लापरवाही से गम्भीर जल प्रदूर्षण खरबतबार, भायनक दुर्गन्ध, जहरीली गैसो को उर्त्सजन तथा दूषित पानी की समस्या गमभीर हो गयी है। एक रिपोर्ट के अनुसार सुजान गंगा के एक किलोमीटर क्षेत्र का पानी प्रदूषण का पानी पीने योग्य नहीं है। 

इन स्मारकों के जिणोद्धार के लिये वर्ष 1994-95 में जन आंदोलन तथा उच्च न्यायालय में रिट याचिका तथा मार्च 2003 एवं नवम्बर 2011 में दिये गये अदालती निर्देशों का उनकी वास्तविक भावना से पालना नहीं कर खानापूर्ति की गई। शर्मा ने बताया कि यह प्रकरण नेशनल ग्रीन ट्रियूब्नल दिल्ली की प्रिन्सिपल बेन्च में विचाराधीन है सुजान गंगा को राष्ट्रीय झील संरक्षण योजना में भी शामिल नही किया गया। तत्कालीन मुख्यमंत्री श्रीमती वसन्ुधरा राजे ने सुजान गंगा परियोजना की क्रियान्वयन की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौपते हुये भरतपुर में जिला कलेक्टर रहे वरिष्ठ अधिकारी डॉ. सुबोध अग्रवाल को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया उन्होनं ेकहा कि यदि राज्य सरकार इस परियोजना को प्राथमिकता से क्रियान्वत करने की इच्छुक है तो छः माह में किला व सुजान गंगा के कयाकलप का कार्य आरम्भ किया जा सकता है। इस ऐतिहासिलोहागढ़ विकास परिषद के तत्वावधान में रविवार को यहॉं सरस संकुल सभागार में जनप्रतिनिधियों, विभागीय अधिकारियों और प्रबुदजन की उपस्थिति में आयोजित संगोष्ठी में सुजान गंगा एवं देश के प्रमुख मैदानी दुर्ग की दुर्दशा पर चिन्ता व्यक्त करते हुये भरतपुर जिले के पर्यटन महत्व की दृष्टि से ऐतिहासिक विरासत के संरक्षण व संबर्धन के लिये कार्य योजना बनाकर उसे समयबद्ध रूप से क्रियान्वत करने पर बल दिया गया।क विरासत की सुरक्षा एवं संबर्धन के लिये हर स्तर पर गम्भीर प्रयास किये जाने चाहिये।